Posted by Admin on June, 26, 2025
Vertical 7/12 योजना: अब हर मंज़िल के लिए मिलेगा अलग दस्तावेज़
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में बढ़ते शहरीकरण और मल्टी-स्टोरी इमारतों की संख्या को ध्यान में रखते हुए एक एक महत्वपूर्ण पहल की है। अब तक 7/12 दस्तावेज़ केवल जमीन से जुड़े मालिकाना अधिकार को ही प्रदर्शित करता था। लेकिन एक ही भूखंड पर बने विभिन्न फ्लोरों पर कई परिवारों के रहने की स्थिति में यह दस्तावेज़ अपर्याप्त और विवाद का कारण बनता रहा है।
इसी समस्या के समाधान के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 'Vertical 7/12 योजना' की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत अब मल्टीफ्लोर इमारतों की हर मंज़िल के लिए अलग 7/12 दस्तावेज़ जारी किया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य है प्रत्येक निवासी को उसके हिस्से की स्पष्ट कानूनी पहचान देना और संपत्ति विवादों को कम करना।
राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के अनुसार, इस योजना को राज्यभर में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। पहले चरण में 30,000 भूखंडों की पहचान की गई है, जिनसे लगभग 45,000 फ्लोर यूनिट्स को अलग-अलग दस्तावेज़ दिए जाएंगे। इस प्रक्रिया के तहत जमीन और निर्माण की सटीक माप की जाएगी और प्रत्येक मंज़िल के लिए नक्शा तैयार किया जाएगा।
इस योजना का एक और महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि पहले लोगों को निजी नक्शा बनवाने और दस्तावेज तैयार करने में लगभग आठ हजार रुपये तक का खर्च आता था। लेकिन अब यह संपूर्ण प्रक्रिया सरकार द्वारा निशुल्क की जाएगी। यानी अब नक्शा मापन, दस्तावेजीकरण और स्वामित्व की पुष्टि में नागरिकों को किसी प्रकार की वित्तीय या तकनीकी परेशानी नहीं होगी।
Vertical 7/12 योजना से कई लाभ होने की संभावना है। सबसे पहला और महत्वपूर्ण लाभ यह है कि एक ही प्लॉट पर अलग-अलग मंज़िलों में रह रहे लोगों को अब अलग-अलग दस्तावेज़ प्राप्त होंगे, जिससे उनका मालिकाना हक स्पष्ट होगा। दूसरा, इससे प्रॉपर्टी की बिक्री, उत्तराधिकार और कानूनी प्रक्रियाएं कहीं अधिक सरल और पारदर्शी हो जाएंगी। तीसरा, इस नई व्यवस्था से कोर्ट-कचहरी के झंझट और भाई-भाई के बीच के विवाद भी काफी हद तक कम हो सकते हैं।
राज्य सरकार की यह पहल ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान के अनुरूप है और इससे महाराष्ट्र का भूमि दस्तावेज़ीकरण प्रणाली अधिक पारदर्शी और आधुनिक होगी। पहले यह सुविधा केवल भूमि तक सीमित थी, लेकिन अब मल्टीस्टोरी रेजिडेंशियल और कमर्शियल इमारतों के हर फ्लोर को भी दस्तावेजों में शामिल किया जाएगा।
सरकार ने नगर पंचायतों और ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इस योजना को लागू करना शुरू कर दिया है। सफल परीक्षणों के बाद यह योजना पूरे राज्य में लागू की जाएगी। यह कदम रियल एस्टेट सेक्टर के लिए भी बड़ा सुधार माने जा रहा है, जिससे न केवल खरीदारों को बल्कि डेवेलपर्स और प्रशासन को भी पारदर्शी व्यवस्था का लाभ मिलेगा।
निष्कर्षतः Vertical 7/12 योजना राज्य के नागरिकों के लिए एक राहतभरी खबर है। इससे न केवल संपत्ति विवादों का समाधान होगा, बल्कि हर व्यक्ति को अपने हिस्से की संपत्ति पर कानूनी अधिकार और दस्तावेज प्राप्त होंगे। यह कदम महाराष्ट्र को भूमि प्रबंधन और रियल एस्टेट सुधार के क्षेत्र में एक नई दिशा में ले जाने वाला साबित हो सकता है।
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